सोमवार, 22 अगस्त 2016

तीरथगढ़ जलप्रपात बस्तर

बड़े बूढे कह गए हैं कि जल, वायू और अग्नि से कभी खिलवाड़ नहीं करना चाहिए और न ही इनकी शक्ति को कम करके आंकना चाहिए। खासकर बरसात के दिनों में नदी, नालों, झरनो में वर्षा जल कब बढ़ जाए इसका पता नहीं चलता। नदी किलोमीटरों दूर से बहकर आती है इसलिए अगर 25 किलोमीटर दूर मुसलाधार वर्षा हो रही हो और आप जहाँ है वहाँ वर्षा न हो रही हो तो नदी का जल तेज गति से आकर आपको घेर सकता है। इसलिए नदी, नालों एवं झरनों में अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए। 
तीरथगढ़ जलप्रपात बस्तर
अब बात करते हैं तीरथगढ़ जलप्रपात की, यह जल प्रपात जगदलपुर की दक्षिण-पश्चिम दिशा में 35 किमी की दूरी पर स्थित है। तीरथगढ़ की ऊंचाई 300 फ़ुट होने के कारण यह भारत के सबसे ऊँचे झरनों में से एक है। कुछ दिनों पूर्व हम तीरथगढ़ जलप्रपात घूमने चले गए। गहराई में उतरने से पहले हम ऊपर से ही फ़ोटो लेने लगे, तभी बारिश आ गयी। हम लोगों ने वहीं पर बनी एक जर्जर ईमारत की शरण ली। वहाँ से देखा कि कुछ लोग झरने में नीचे उतरे हुए हैं और बारिश होने के कारण वहीं पर बनी एक छोटी सी पुलिया के नीचे घुस गए। 
तीरथगढ जलप्रपात बस्तर में पुलिया के नीचे लोग
उनके हाथ में मोबाईल था जिससे खेलते हुए बारिश रुकने का इंतजार करने लगे। बारिश रुकने पर हम नीचे गए और अच्छी लोकेशन देख कर कुछ चित्र लिए। बस्तर में मानसून पहुंचने के कारण पिछले 48 घंटों तक लगातार बारिश हुई। जगदलपुर से बैंक ऑफ़ इंडिया के मैनेजर के परिवार के 4 सदस्य अपरान्ह 3 बजे तीरथगढ़ पहुंचे और जलप्रपात में नीचे उतर गए। उन्हें पहुंचे 15 मिनट ही हुए थे कि बरसात शुरु हो गयी, तो वहां के मंदिर के पुजारी ने बारिश से बचने के लिए उन्हें अपने पास बुला लिया। इसके बाद जो मुसलाधार बारिश शुरु हुई कि रुकने का नाम ही नहीं लिया। 
तीरथगढ़ जलप्रपात में रेस्क्यू ऑपरेशन
झरने में जल का स्तर बढ़ने से वे टापू पर फ़ंस गए और वापस भी नहीं आ सकते थे। मोबाईल का नेटवर्क भी नहीं बता रहा था। किसी तरह थोड़ा नेटवर्क आने पर उन्होने अपने परिचित फ़ोन किया और उन्होने पुलिस को। पुलिस की रेस्क्यू टीम वहां रात को पहुंच गई। लेकिन जल का बहाव तेज होने के कारण कार्यवाही करने में अक्षम हो गई। उन्होने सुबह होने का इंतजार किया। 16 घंटे मौत के साये में गुजारने के बाद उन्हें पुलिस की रेस्क्यू टीम ने बचाया। इसलिए बारिश के मौसम में नदी, नालों एवं झरनों में अतिउत्साह में खतरा मोल न लें।

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